मेहक

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🌹🌹🌹* मेहक * 🌹🌹🌹 जब से फैली है तेरे बदन की मेहक। और भी बढ़ गई अन्जुमन की मेहक। कर रही है मुअ़त्तर मिरे क़ल्ब को। मिस्ले गुल है तिरे पैरहन ...

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