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🌹🌹🌹🌹 ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹 बुरा बुरा था बुरा ही रहा भला न हुआ। हज़ार संग तराशा मगर ख़ुदा न हुआ। नज़र झुकाके पलट आए उसके दर से हम। सदा ए दिल का ...