1 Part
293 times read
17 Liked
प्रेम क्या लिखूं तुझपे शब्द नही है जितना लिखू उतना कम है । धूप में छाव सा, सर्द में गर्म सा खाने के स्वाद सा, चीनी की मिठास सा तेरा ...