रुक जा कलम जरा तू अदब का मकाम है

1 Part

324 times read

18 Liked

            🌷🌷 ग़ज़ल 🌷🌷 रुक जा क़लम ज़रा तू अदब का मक़ाम है। तेरी लबों के नीचे मेरी मोहब्बत का नाम है। यादों से मुंसलिक है ...

×