कविता

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अदरक का स्नेह यक़ीनन मज़ाक हैं भला अदरक का स्नेह अब चाय में घुलकर, चाय को स्वाद बनाती हैं,  वेसे ही किसी की यादें,  जिंदगी को खूबसूरत और बारिश बना देती ...

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