पतझड़

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पतझड़  चले गए आप तो साथ गई मुस्कान प्रिय , उल्लास जीवन से गया हंसी  गई संग प्रिय। मुस्कुराते आज भी खिलखिलाहट गुम हुई, बसंत लगे पतझड़ सा प्रिय फूलों में ...

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