स्वैच्छिक

1 Part

288 times read

22 Liked

🌹🌹🌹* ग़ज़ल * 🌹🌹🌹 अपनी तक़दीर आज़मा कर देख। तीर  कोई  नया  चला  कर देख। आईना   हँस   के   देखने   वाले। मेरी जानिब भी मुस्कुरा कर देख। हर मुसीबत का हल मिलेगा ...

×