यक़ीन

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यक़ीन तो यही है के काजल हो जाएंगे, और न हुए तो हम फिर जल थल हो जाएंगे। मैं लिखते लिखते हुशियार हो जाऊँगा, मुझको ये पढ़ने वाले सब पागल हो ...

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