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मुझसे बिछड़के इश्क़-ए-जज़ा काट रहे है। अपने हाथों से सब अपना गला काट रहे है। मैं काटता हूँ इन दिनों गुलशन की बहारे, यूँ लोग मुझसे हिर्स-ओ-हवा काट रहे है। तारिक़ ...