गज़ल

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मुझे मेरे मुहब्बत का यही अंज़ाम दे दीजे। कि  अपने साथ रख कर इक महकती शाम दे दीजे। बहुत तड़पा है बस इक आपको पाने की खातिर वो.. गले लगकर मेरे ...

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