जज़्बात

1 Part

230 times read

10 Liked

  धड़कन की शहनाई बजे पूरे चांद की रात और काश तेरा हो साथ और रोशनी में चांद की हम करें हज़ारों बात न वक़्त की हो पाबंदी न रस्मों की ...

×