पिता वो पुरुष पहले फिर पिता भी है कैसे दिखाए प्रेम उसका समर्पण कोमल भावनाएं नहीं उसके लिए उसका जीवन दुनिया का दर्पण। वो चाहे भी तो नरम दिख नहीं सकता ...

×