1 Part
227 times read
11 Liked
विषय:- "मरूतिनंदन" केशरी के लाला, अंजनी के बाला। हमारे ये संकट ,तुम जरा हर लो।। भटकते भटकते , है आए कहा से। दर पर तुम्हारे, हम भिख मांगते।। हुई है हमसे ...