लकीरें

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जो चाहों वो मिल जाए  बिन मांगे ख्वाहिशे पुरी हो जाए  दुःख का कहीं साया ना हो  खुशियों की रोज बरसात हो  पलभर भी मन में मायुसी ना छाए सुख में ...

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