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🌹🌹🌹🌹 ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹 कभी गुलनार हम उसको कभी गुलफ़ाम कहते हैं। ग़ज़ल उसके ह़सीं चेहरे पे सुब्हो शाम कहते हैं। सताऐ कोई कितना भी यही मादाम कहते हैं। मुह़ब्बत करने वाले ...