इकदास्तां ,भाग=2

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 तमाम रात बीत गई थी,पंखा आवाजें दे देकर इतना थक गया था कि उसका सुर भी मंदा हो गया था। प्रभात बेला के पाँच बज गए थे।एकाएक  वो उठ बैठा था,"प्रीत ...

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