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गीत -उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट इस कुटिल संसार में धूमिल हुई सद्भावना किस तरह से हम करेंगे अँधेरे का सामना। आस्था का दीप रोया, त्याग का प्रतिबिंब सोया टूटकर बिखरा कहीं पर, ...