दोस्त भी दुश्मन की तरह काम कर गए। उम्मीद थी सुबह की मगर शाम कर गए ।

1 Part

284 times read

12 Liked

दोस्त भी दुश्मन की तरह काम कर गए। उम्मीद थी सुबह की मगर शाम कर गए । यादें तुम्हारी आई और आंखें बरस पड़ी। दुनिया समझ रही थी कि सब जख्म ...

×