*

1 Part

199 times read

5 Liked

तुझपे जितना लिखुं उतना कम है  तू क्यों दूर जाती है बस ये गम है यूं तो रोता नहीं हु मैं कभी भी  पर तेरे नाराज होने से ये आंखें नम ...

×