जब हिज्र ए गम ही मुकद्दर है क्या किया जाए।

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जब हिज्र ए गम ही मुकद्दर है क्या किया जाए। जब सारा शहर ही पत्थर है क्या किया जाए। साथ में भी मेरे रहता है मुनाफिक की तरह। वहीं रहजन ही ...

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