1 Part
290 times read
13 Liked
साेचती हूं काश मैं भी एक वृक्ष होती जड़े मेरी मजबूत हाेती हरियाली से भरी हाेती, आस, पास,बने चिडियाें के घाेसले ओर उनकी चहचहाहट, की गूंज मेरे कानाे मैं गुंजती काश ...