ग़ज़ल

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सफ़र मंज़िल का लिखता बौन लिखता, कहाँ जीवन की खोई तौन लिखता,,  क़लम हम ना उठाते तो भला फिर, कहानी ज़िंदगी की कौन लिखता,, दरख़्तो से उसे था प्यार ज़्यादा , ...

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