हुस्न का नूर चरागों में अपने ढाल के रख

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हुस्न का नूर चिराग़ों में अपने ढाल के रख। यह बड़ा की़मती है इसको तू संभाल के रख। तू दूसरों की ही बोली में बोलता क्यों है। जुबाँ  से अपने भी ...

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