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सच्ची सच्ची बातें बोलना मत होना तुम हलकान। मत सोचो ये कोई ना सुनता, होती दीवारों के कान। व्यर्थ की बातें तुम मत करना,गलत बात पर धरो ना कान। व्यर्थ वस्तु ...