व्यथा

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व्यथा आंखों में धारा बन बहती है, व्यथा हृदय की कहती रही। बेरंग हुआ है यह जीवन, जब से गए हो तुम साजन। सांसों का आना-जाना झूठा, समीर मेघे का बहना ...

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