लेखनी कहानी - तंत्रा - डरावनी कहानियाँ

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तंत्रा - डरावनी कहानियाँ  मुकेश और मैं एक ही कंपनी में काम किया करते थे। एक रोज हमें ट्रेनिंग पर भेज दिया गया। हमारी इससे पहले औपचारिक बातें ही हुआ करती ...

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