लेखनी कविता - क़दम मिला कर चलना होगा -अटल बिहारी वाजपेयी

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क़दम मिला कर चलना होगा -अटल बिहारी वाजपेयी बाधाएँ आती हैं आएँ  घिरें प्रलय की घोर घटाएँ, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ, निज हाथों में हँसते-हँसते, आग ...

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