लेखनी कविता - दूध में दरार पड़ गई -अटल बिहारी वाजपेयी

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दूध में दरार पड़ गई -अटल बिहारी वाजपेयी  ख़ून क्यों सफ़ेद हो गया? भेद में अभेद खो गया।  बँट गये शहीद, गीत कट गए, कलेजे में कटार दड़ गई।  दूध में ...

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