लेखनी कविता - ध्वज-वंदना -रामधारी सिंह दिनकर

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ध्वज-वंदना -रामधारी सिंह दिनकर नमो, नमो, नमो।  नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो ! नमो नागाधिराज - श्रृंग की विहारिणी ! नमो अनंत सौख्य-शक्ति-शील-धारिणी! प्रणय-प्रसारिणी, नमो अरिष्ट-वारिणी! नमो मनुष्य की ...

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