लेखनी कविता - पढ़क्‍कू की सूझ -रामधारी सिंह दिनकर

41 Part

47 times read

0 Liked

पढ़क्‍कू की सूझ -रामधारी सिंह दिनकर एक पढ़क्‍कू बड़े तेज थे, तर्कशास्‍त्र पढ़ते थे,  जहाँ न कोई बात, वहाँ भी नई बात गढ़ते थे।   एक रोज़ वे पड़े फ़िक्र में समझ ...

Chapter

×