50 Part
48 times read
0 Liked
कौन तुम मेरे हृदय में -महादेवी वर्मा कौन मेरी कसक में नित, मधुरता भरता अलक्षित? कौन प्यासे लोचनों में, घुमड़ घिर झरता अपरिचित? स्वर्ण-स्वप्नों का चितेरा, नींद के सूने निलय में! ...