लेखनी कविता - मेरा सजल मुख देख लेते! -महादेवी वर्मा

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मेरा सजल मुख देख लेते! -महादेवी वर्मा  मेरा सजल   मुख देख लेते! यह करुण   मुख देख लेते! सेतु शूलों का बना बाँधा विरह-बारिश का जल  फूल की पलकें बनाकर प्यालियाँ बाँटा ...

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