लेखनी कविता - मैं बनी मधुमास आली! -महादेवी वर्मा

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मैं बनी मधुमास आली! -महादेवी वर्मा  मैं बनी मधुमास आली! आज मधुर विषाद की घिर करुण आई यामिनी, बरस सुधि के इन्दु से छिटकी पुलक की चाँदनी  उमड़ आई री, दृगों ...

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