लेखनी कविता - मैं प्रिय पहचानी नहीं -महादेवी वर्मा

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मैं प्रिय पहचानी नहीं -महादेवी वर्मा  पथ देख बिता दी रैन  मैं प्रिय पहचानी नहीं ! तम ने धोया नभ-पंथ  सुवासित हिमजल से; सूने आँगन में दीप  जला दिये झिल-मिल से; ...

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