लेखनी कविता -बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ -महादेवी वर्मा

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बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ -महादेवी वर्मा  बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ! नींद थी मेरी अचल निस्पन्द कण कण में, प्रथम जागृति थी जगत के ...

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