लेखनी कविता - प्रिय चिरन्तन है -महादेवी वर्मा

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प्रिय चिरन्तन है -महादेवी वर्मा  प्रिय चिरंतन है सजनि, क्षण-क्षण नवीन सुहासिनी मै! श्वास में मुझको छिपाकर वह असीम विशाल चिर घन  शून्य में जब छा गया उसकी सजीली साध-सा बन, ...

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