लेखनी कविता -अधिकार -महादेवी वर्मा

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अधिकार -महादेवी वर्मा  वे मुस्काते फूल,  नहीं जिनको आता है मुर्झाना, वे तारों के दीप,  नहीं जिनको भाता है बुझ जाना।  वे नीलम के मेघ,  नहीं जिनको है घुल जाने की ...

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