लेखनी कविता - धूप सा तन दीप सी मैं -महादेवी वर्मा

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धूप सा तन दीप सी मैं -महादेवी वर्मा  धूप सा तन दीप सी मैं! उड़ रहा नित एक सौरभ-धूम-लेखा में बिखर तन, खो रहा निज को अथक आलोक-सांसों में पिघल मन ...

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