लेखनी कविता -जो मुखरित कर जाती थीं -महादेवी वर्मा

50 Part

22 times read

0 Liked

जो मुखरित कर जाती थीं -महादेवी वर्मा  जो मुखरित कर जाती थीं  मेरा नीरव आवाहन, मैं नें दुर्बल प्राणों की  वह आज सुला दी कंपन! थिरकन अपनी पुतली की  भारी पलकों ...

Chapter

×