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तेरी सुधि बिन -महादेवी वर्मा तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना। कम्पित कम्पित, पुलकित पुलकित, परछाईं मेरी से चित्रित, रहने दो रज का मंजु मुकुर, इस बिन शृंगार-सदन सूना! तेरी सुधि ...