लेखनी कविता - बहुत कठिन है डगर पनघट की -अमीर ख़ुसरो

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बहुत कठिन है डगर पनघट की -अमीर ख़ुसरो  बहुत कठिन है डगर पनघट की।  कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी  मेरे अच्छे निज़ाम पिया।  कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से ...

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