लेखनी कविता - मेरे महबूब के घर रंग है री -अमीर ख़ुसरो

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मेरे महबूब के घर रंग है री -अमीर ख़ुसरो  आज रंग है ऐ माँ रंग है री, मेरे महबूब के घर रंग है री।  अरे अल्लाह तू है हर, मेरे महबूब ...

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