लेखनी कविता - लाभ कहा मानुष-तनु पाये -तुलसीदास

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लाभ कहा मानुष-तनु पाये -तुलसीदास  लाभ कहा मानुष-तनु पाये।  काय-बचन-मन सपनेहु कबहुँक घटत न काज पराये॥१॥  जो सुख सुरपुर नरक गेह बन आवत बिनहि बुलाये।  तेहि सुख कहँ बहु जतन करत ...

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