लेखनी कविता - मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं -गोपालदास नीरज

12 Part

28 times read

0 Liked

मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं -गोपालदास नीरज  मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं.. तुम मत मेरी मंज़िल आसान करो.. हैं फ़ूल रोकते, काटें मुझे चलाते.. मरुस्थल, पहाड चलने ...

Chapter

×