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मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं -गोपालदास नीरज मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं.. तुम मत मेरी मंज़िल आसान करो.. हैं फ़ूल रोकते, काटें मुझे चलाते.. मरुस्थल, पहाड चलने ...