लेखनी कविता - अवधूता युगन युगन हम योगी -कबीर

57 Part

62 times read

0 Liked

अवधूता युगन युगन हम योगी -कबीर  अवधूता युगन युगन हम योगी, आवै ना जाय मिटै ना कबहूं, सबद अनाहत भोगी।  सभी ठौर जमात हमरी, सब ही ठौर पर मेला।  हम सब ...

Chapter

×