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बहुरि नहिं आवना या देस -कबीर बहुरि नहिं आवना या देस ॥ जो जो गए बहुरि नहि आए, पठवत नाहिं सेस ॥1॥ सुर नर मुनि अरु पीर औलिया, देवी देव गनेस ...