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कबीर के पद -कबीर 1. प्रेम नगर का अंत न पाया, ज्यों आया त्यों जावैगा॥ सुन मेरे साजन सुन मेरे मीता, या जीवन में क्या क्या बीता॥ सिर पाहन का बोझा ...