लेखनी कविता - राम बिनु तन को ताप न जाई -कबीर

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राम बिनु तन को ताप न जाई । जल में अगन रही अधिकाई ॥ राम बिनु तन को ताप न जाई ॥ तुम जलनिधि मैं जलकर मीना । जल में रहहि ...

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