लेखनी कविता - झीनी झीनी बीनी चदरिया -कबीर

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झीनी झीनी बीनी चदरिया ॥ काहे कै ताना काहे कै भरनी, कौन तार से बीनी चदरिया ॥ १॥ इडा पिङ्गला ताना भरनी, सुखमन तार से बीनी चदरिया ॥ २॥ आठ कँवल ...

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